Best Positional Trading Strategy in Hindi – Trading Limits, Indian Stock Market, Long Term Trading

Best Positional Trading Strategy in Hindi – Trading Limits, Indian Stock Market, Long Term Trading

Positional Trading Limits

  • पोजिशन ट्रेडिंग ट्रेंडिंग (ऊपर और नीचे) बाजारों में सबसे अच्छा काम करती है। एक बाजार में स्थितीय व्यापार करने से कोई लाभ नहीं कमा सकता।
  • यह पूंजी को बंद कर देता है और व्यापारी को Liquidity Risk के लिए Expose करता है।

Meaning of Positional Trading

इसका साधारण अर्थ हैं “स्थिति का बाजार” यानि जो बाजार एक महीने से ज्यादा उसकी स्थिति के अनुसार कार्य करता हो। Stock Marketing की एक ऐसी योजना है जिसमे की किसी भी Company के Share को आप तब तक Hold करके रख सकते है जब तक कि Share Market में इसके दाम न बढ़ जाये । जैसे ही Share Market में इसके दाम बढ़ जाये आप इसे तुरंत बेच सकते हो । जिससे आप Profit कमा सकते है। लेकिन इसमें आपको एक बात ध्यान रखनी है कि आप Share को कम से कम 1 Month या 1 Year तक ही Hold करके रख सकते हो।

वैसे तो Positional Trading के लिए ख़रीदे गए Share को एक साल के अन्दर -अंदर ही बेच दिया जाता है। जिससे इसमें जो लम्बा उतार- चढ़ाव आता है उससे आप लाभ कमा सकते हो। उसे ही Positional Trading कहते है।

उदहारण के लिए :- आपने किसी Company के Shares को ख़रीदा। मानाकि एक Company के Shares आपने 100 Rupees के 10 Shares ख़रीदे और एक साल बाद उस Shares में 30 % की वृद्धि होती है, तो आप 30 Rupees का लाभ कमा सकते हो। इसे ही Positional Trading कहते है।

Positional Trading Strategy

Positional Trading Strategy

  • Positional Trading के लिए आपको सबसे पहले यह Decide करना होगा की आपको Share कितने टाइम के लिए Hold करके रखना है। एक महीना कम से कम आपको Shares को रखना ही है। जिससे आपको नुकसान होने की सम्भावना कम हो।
  • Simple Moving Average (SMA) And Exponential Moving Average (EMA) : जब किसी भी Company की Share की कीमत 50 दिन या 100 दिन या फिर 200 के SMA या EMA को तोड़ती है तो ऐसे Shares को संभाल के Watch list में रखना चाहिए ताकि जैसे ही कोई Share में Trade करने का मौका मिले तो उसे 200 दिन के Moving Average को ऊपर की तरफ बड़े तो उसे खरीद लेना चाहिए और अगर नीचे की तरफ कम हो तो उसे बेच देना चाहिए।
  • Support And Resistance : Support And Resistance ये किसी Share को “कम खरीदना और ज्यादा बेचना” इस पर मदद करते है। Uptrend की शुरुआत Resistance के breakout पर होती है और Downtrend की शुरुआत Support के breakdown पर होती है कोशिश यही करनी चाहिए की Support पर ख़रीदे और Resistance पर बेच दे। जिससे आपको Profit भी ज्यादा होता है।
  • Stop loss :- Stop loss लगाने के लिए आपको Strategy बनान होगी ,जिसमें आपको यह सोचना होगा की Share कितना नीचे होने पर अपने आप बिक जाये बिना किसी Extra Support के और शेयर कितना ऊंचा होता है अर्थात उसके दाम कितने बढ़ते है की हमे अपने आप Profit हो जाये।यानी इसमें भी हमे अपने Share को कुछ समय के लिए Hold करके रखना पड़ता है। इस वजह से इसमें बहुत Tight Stop loss नहीं लगाया जाता है बल्कि Swing Low की निचे Stoploss लगाया जाता है जिससे Market की परिवर्तनशीलता की वजह से जल्दी से Stop loss आगे न पहुंचे। उदाहरण के लिए :- इसके आलावा आप इस Stop Loss को Profit में भी लगा सकते हो। इस अगर आप किसी Share पर 300 रूपए लगाना चाहते हो, तो जैसे ही इस Share का भाव बढ़ जायेगा तो ये Share अपने आप बिक जायेगा।इस तरह आप Positional Trading में Stop Loss लगा सकते हो जिससे आपको नुकसान भी न हो और आपको Profit भी मिल जाये।
  • Fundamental Analysis :- अगर आप मौलिक विश्लेषण वाली योजना बनाना चाहते हो तो आपको पहले उस कंपनी का पूरा Bayo Data Check करना होगा। यह सारी जानकारी आप Company के CEO, या Financial Records,Company Earnings Report आदि से जान सकते हो। आप इनसे ये जान सकते हो की Company का Profit क्या है या आगे जाकर Company की स्थिति किसी होगी कोई और परिवर्तन होगा या नहीं। आप इन सबकी जानकारी ले सकते हो ताकि आपको भविष्य में नुकसान होने की संभावना न रहे ।
  • मौलिक विश्लेषण के व्यापारी को ये सब तय करने में सहायक होता है की Sock Price क्या होगी या इसमें कोई बदलाव तो नहीं आएंगे इत्यादि। इससे व्यापारी को ये जानने में आसानी होगी की दीर्घकालीन निवेशक क्या सोच रहे है या वे माल कहा से खरीद रहे और कहा बेचेंगे।
  • इस तरह की जानकारी लेने से Positional Trading में सही योजनानुसार कार्य होता है।
  • Technical Analysis :- इस योजना में माल की कीमत को या उसकी हर एक जानकारी को Chart के रूप में व्यक्त किया जाता है। Share Market में आप Chart को देख के यह पता लगा सकते हो की Stock अभी प्रचलन में है या अभी प्रचलन के बहार हो चूका है।
  • Technical Analysis बहुत सालो से प्रचलन में है तो उस समय अधिकतर लोग Chart का ही प्रयोग करते थे किसी भी चीज को समझने के लिए। इससे काफी आसानी से कोई चीज समझ आ जाती है। अधिकतर व्यापारी मजबूत और आसान Technical Analysis का प्रयोग करते थे।

Advantages Of Positional Trading

  • Positional Trading का सबसे अच्छा फायदा यह है की इसमें आपको पता चल जाता है की आपको Share कब खरीदना है और कब बेचना है ,इससे आपको फायदा होता है और आपको नुकसान होने की कोई सम्भावना कम रहती है।
  • Positional Trading को आप Part Time भी कर सकते हो इससे भी आपको लाभ होता है। इसमें Trade बहुत कम होते है ,इसलिए आप इसे अच्छे से पढ़ सकते है और समझ सकते है और अगर आप चाहे तो इसमें ओर Share Add कर सकते है।
  • अगर आप Positional Trading के लिए Share Purchase करते है तो इसमें बदलाव बहुत म होता है जिससे Stop Loss पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।
  • Positional Trading को Chart द्वारा भी समझा जा सकता है , इससे फायदा यह होता है की आप यह पता लगा सकते हो की Share कहा पर बेचना है या कहा से खरीदना है।

Disadvantages Of Positional Trading

  • इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है की इसमें Share को लम्बे समय के लिए Hold करके रखा जाता है। जिसका असर हमारी पूंजी पर होता है। Capital Block होने पर हमे लाभ कम होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं की हमे नुकसान ही होता है। लाभ होता है पर उतना नहीं जितना हम Strategy करते है।
  • यदि Trend Trading अचानक बदलाव का अंदाज करने के सक्षम नहीं है तो Positional Trading को भारी नुकसान पहुंचा सकता है
  • संपत्ति की कीमतों में अचानक गिरावट के समय व्यापार का लाभ उठाना व्यापारी की पूरी पूंजी को मिटा सकते हैं।
  • पोजिशन ट्रेडिंग के लिए संपत्तियों के मूल सिद्धांतों का विश्लेषण करने के लिए कुछ Skills की आवश्यकता होती है, जो कि कई तकनीकी विश्लेषकों के पास नहीं है।
  • Positional Trading में गलतियों की Cost अधिक होती है क्योंकि Stop Loss Trading के अन्य रूपों की तुलना में बड़ा होता है|

Positional Trading In Indian Stock Market

Positional Trading करने के लिए किसी भी Broker के पास Trading या Demate Account जरुरी होता है , क्यूंकि ख़रीदे हुए Shares को रखने के लिए Demate Account का होना जरुरी होता है। Position Trading करने के लिए ज्यादा Capital की आवश्यकता होती है , क्यूंकि एक और Annual Expected Return 25%से 30%होता है तो अगर कोई व्यापारी 20 लाख लेकर Stock Market में आता है तो उसे हर साल 5 से 6 लाख तक का लाभ होगा। कम Trade ही करते हैऔर Annual Expected Return 25% से 30%होता है तो अगर कोई व्यापारी 20 लाख लेकर Stock Market में आता है तो उसे हर साल 5 से 6 लाख तक का लाभ होगा।

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Simple Indications For Positional Trading

Fundamental Analysis

पहले महीनो के लिए स्टॉक रखने का मतलब होता था की आपको बार-बार कंपनी के Fundamental का विश्लेषण करने की जरूरत होती है। पर ये थोड़ा परेशानी वाला हो सकता था।Fundamental विश्लेषण में अनुपात को
समझना बहुत जरुरी होता है। जैसे – EPS ,PV Ratio , Dividend Yield Ratio इत्यादि।
यह अनुपात आपको Company के बारे में सटीक जानकारी देते है। आप इन सभी अनुपात को अच्छे से समझने के लिए कोई भी App या किसी भी YouTube Video की सहायता ले सकते हो। वह पर इनके बारे में पूरी जानकारी होती है।

Trade With Trend

Starting Investors के साथ सबसे साधारण चीज ये देखने को मिलती है की वह Trend के विरुद्ध व्यापार करते है। अगर आप ऐसा करते हो तो आपको नुक्सान उठाना पड़ सकता है।Trade With Trend का तात्पर्य है कि पूरा बाजार सही तरह काम कर रहा है। Market को जितना चाहे उतना ऊपर उठने दो और जितना चाहे उतना नीचे जाने दो। उसके बाद ही Position में प्रवेश करना चाहिए।

Focus on Penny Stocks

Stock Market बहुत बड़ा है , जिसमे हर रोज अलग-अलग तरह के व्यापार होता है। अगर आप छोटे कहते वाले व्यापारी है तो आपको उन Shares पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए जो व्यापार के लिए सबसे आसान है और जो आपको जल्दी से अपना Account बनाने की अनुमति दे। पेनी स्टॉक्स पर ध्यान दें। स्टॉक मार्केट बहुत बड़ी है, जिसमें प्रत्येक दिन कई अलग-अलग प्रकार के स्टॉक का कारोबार होता है।Penny Stocks वह Stocks होते है जिनके Share कि कीमत 10 रुपए से कम होती है। इन Shares में तरलता काफी कम होती है। यहाँ हम Penny Stock के बारे में बात कर रहे हैं। जो ऐसे शेयर हैं जिनकी कीमत ₹10 से भी कम होती हैं।

Positional Trading Is Different From Other Trading

Positional Trading V/S Investment

एक नए निवेशक के लिए Positional Trading और Investment दोनों एक ही होते है क्यूंकि दोनों में ही लम्बे समय के लिए Stock को Hold करके रखा जाता है ओर फिर बाद में लाभ की आशा की जाती है।

निवेश में यह अंतर होता है की इसमें Investor कई सालो तक Stock को दबाये रखते है और जब Shares की कीमत बढ़ती है तो Dividend पर Capital पर लाभ कमाते है।
इसके अतरिक्त Investing में निवेशकों को हर हफ्ते हो रहे Stock Price में होने वाली तेजी और मंदी से भी कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्हें पता होता है की कब क्या और कैसे करना है।

वही दूसरी ओर,एक Positional Trader Stock की कीमत पर ज्यादा ध्यान देता है ताकि कहीं उन्हें Loss झेलना न पड़ जाये अगर उन्हें लगता है की Stock उनके अनुसार नहीं है तो वह जोखिम को कम करने के लिए वह Stop-Loss का प्रयोग करते है Investor Company के Fundamental Analysis पैर अधिक भरोसा करते है तो Positional Trader Chart पर ज्यादा भरोसा करते है।

Positional Trading V/S Swing Trading

Swing Trading में आप अपने Stock को खरीद कर और बेच कर अपनी Position को कुछ दिनों से कुछ हफ्तों तक Hold कर के रख सकते है। इन दोनों की Strategy एक समान ही है अर्थात दोनों में प्रवेश और निषेध के लिए एक जैसे Indicators और Charts Pattern का प्रयोग किया जाता है।
Swing Trading की सबसे अच्छी बात है की यह आपको पुरे साल केलिए Swing Trading Set-up की अनुमति मिलती है। बस इसमें Stock को हर रोज जांचना पड़ता है।
लेकिन Positional Trading में आपकी पूंजी को अधिक समय के लिए नहीं रखा जा सकता है।

Positional Trading V/S Day Trading

Day Trading एक ऐसी Strategy है जहा आप आप एक ही Trading session को निष्पादित करके होनी Position को Square Off
करना होता है। आप यह सुबह Shares खरीदते है और फिर दिन के बाद आप के Shares की Value बढ़ते ही आप इसे बेच सकते हो।
Positional Trading में ज्यादा जोखिम के साथ आपको परेशानी भी उठानी पड़ती है। Trading से सम्बंधित किसी भी काम के लिए आपको वह मौजूद होना पड़ता हुई और यह हर बार संभव नहीं होता है।

The Time Frame For Positional Trading

कई व्यापारी Chart को Time Frame से जोड़कर Trading Style पर वार्तालाप करते है।
जैसे अलग-अलग व्यापारी अपने Chart को अलग-अलग Time पर देखते है।

Short -Term Positional Trading

मानाकि आप 1 Month के अंदर आप व्यापार में प्रवेश होना और बहार जाना चाहते है तो आप अपने व्यापार को निष्पादित करके उससे बाहर निकलना चाहते हैं। आप चाहे तो एक साप्ताहिक चार्ट पर पूरा ट्रेड देख कर एक लम्बे समय के लिए Support और Resistance लगाकर Trade शुरू कर सकते हैं।इसके बाद ओरअधिक जानकारी के लिए आप अपने रोज के Chart को Guide करें और पिछले एक या दो सप्ताह के Chart से कुछ मुख्य बिंदुओं को निर्धारित करें ओर फिर एक साल के Chart को देख के अपने प्रवेश को स्थिति में ले।

Long -Term Positional Trading

6 Month के समय के दौरान किसी और के Long Term को Check कर। आप स्टॉक के Monthly Chart को दीर्घकालीन राय को ध्यान में रखते हुए व्यापार शुरू कर सकते है,साथ ही आप 10 साल या उससे अधिक Time के लिए Price Trend को Check कर सकते है।

  • आप यह देखते हुए की दीर्घकालीन तेजी में है तो आप Weekly Chart पर जाते है। यह वो जगह है जहा आप Pullback Pattern देखते हैं।
  • आप कुछ मुख्य Support और Resistance क्षेत्र को Mark करे। उसके बाद आप Chart प्रवेश के लिए रोज के Chart को देखते है।
  • उसके बाद आप आसान Breakout Pattern को भी देखते है , जो आपके प्रवेश के लिए ओर आपके Stop Loss को लगाने की भी जगह देता है।
  • अगर आप इन सभी चीजों का ढंग से और ध्यान से अध्यन करते है तो आप अपने आप को एक Best Positional Trader के रूप में पाएंगे।

यह सब कुछ आज आपने इस लेख के जरिये जाना है। उम्मीद है यह लेख आपके लिए लाभदायक रहा होगा। अगर आपको इस लेख में कुछ समझ नहीं आया हो तो आप कमेंट करके पूछ सकते है। हमारे इस लेख को अपने दोस्तों,रिश्तेदारों,इत्यादि तक शेयर करना न भूले। मैं आरती देवतवाल आपका तहे दिल से शुक्रिया करती हूँ| कि आपने हमारे लेख को पूरा पढ़ा । और आपने अपना कीमती समय इसे पढ़ने में लगाया। एक बार फिर से दिल से धन्यावद !

Positional Trading का अर्थ बताइये?

इसका साधारण अर्थ हैं “स्थिति का बाजार” यानि जो बाजार एक महीने से ज्यादा उसकी स्थिति के अनुसार कार्य करता हो।
Stock Marketing की एक ऐसी योजना है जिसमे की किसी भी Company के Share को आप तब तक Hold करके रख सकते है जब तक कि Share Market में इसके दाम न बढ़ जाये । जैसे ही Share Market में इसके दाम बढ़ जाये आप इसे तुरंत बेच सकते हो । जिससे आप Profit कमा सकते है। लेकिन इसमें आपको एक बात ध्यान रखनी है कि आप Share को कम से कम 1 Month या 1 Year तक ही Hold करके रख सकते हो।

Positional Trading के फायदे बताइये?

Positional Trading का सबसे अच्छा फायदा यह है की इसमें आपको पता चल जाता है की आपको Share कब खरीदना है और कब बेचना है ,इससे आपको फायदा होता है और आपको नुकसान होने की कोई सम्भावना कम रहती है।
Positional Trading को आप Part Time भी कर सकते हो इससे भी आपको लाभ होता है। इसमें Trade बहुत कम होते है ,इसलिए आप इसे अच्छे से पढ़ सकते है और समझ सकते है और अगर आप चाहे तो इसमें ओर Share Add कर सकते है।
अगर आप Positional Trading के लिए Share Purchase करते है तो इसमें बदलाव बहुत म होता है जिससे Stop Loss पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।
Positional Trading को Chart द्वारा भी समझा जा सकता है , इससे फायदा यह होता है की आप यह पता लगा सकते हो की Share कहा पर बेचना है या कहा से खरीदना है।

Positional Trading के नुकसान बताइये?

इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है की इसमें Share को लम्बे समय के लिए Hold करके रखा जाता है। जिसका असर हमारी पूंजी पर होता है। Capital Block होने पर हमे लाभ कम होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं की हमे नुकसान ही होता है। लाभ होता है पर उतना नहीं जितना हम Strategy करते है। यदि Trend Trading अचानक बदलाव का अंदाज करने के सक्षम नहीं है तो Positional Trading को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। संपत्ति की कीमतों में अचानक गिरावट के समय व्यापार का लाभ उठाना व्यापारी की पूरी पूंजी को मिटा सकते हैं।
पोजिशन ट्रेडिंग के लिए संपत्तियों के मूल सिद्धांतों का विश्लेषण करने के लिए कुछ Skills की आवश्यकता होती है, जो कि कई तकनीकी विश्लेषकों के पास नहीं है।
Positional Trading में गलतियों की Cost अधिक होती है क्योंकि Stop Loss Trading के अन्य रूपों की तुलना में बड़ा होता है|

Positional Trading बाकि सभी Trading से अलग कैसे है ?

Positional Trading V/S Investment
एक नए निवेशक के लिए Positional Trading और Investment दोनों एक ही होते है क्यूंकि दोनों में ही लम्बे समय के लिए Stock को Hold करके रखा जाता है ओर फिर बाद में लाभ की आशा की जाती है।
निवेश में यह अंतर होता है की इसमें Investor कई सालो तक Stock को दबाये रखते है और जब Shares की कीमत बढ़ती है तो Dividend पर Capital पर लाभ कमाते है।
इसके अतरिक्त Investing में निवेशकों को हर हफ्ते हो रहे Stock Price में होने वाली तेजी और मंदी से भी कोई फर्क नहीं पड़ता है।
Positional Trading V/S Swing Trading
Swing Trading में आप अपने Stock को खरीद कर और बेच कर अपनी Position को कुछ दिनों से कुछ हफ्तों तक Hold कर के रख सकते है। इन दोनों की Strategy एक समान ही है अर्थात दोनों में प्रवेश और निषेध के लिए एक जैसे Indicators और Charts Pattern का प्रयोग किया जाता है।
लेकिन Positional Trading में आपकी पूंजी को अधिक समय के लिए नहीं रखा जा सकता है।
Positional Trading V/S Day Trading
Day Trading एक ऐसी Strategy है जहा आप आप एक ही Trading session को निष्पादित करके होनी Position को Square Off
करना होता है। आप यह सुबह Shares खरीदते है और फिर दिन के बाद आप के Shares की Value बढ़ते ही आप इसे बेच सकते हो।
Positional Trading में ज्यादा जोखिम के साथ आपको परेशानी भी उठानी पड़ती है। Trading से सम्बंधित किसी भी काम के लिए आपको वह मौजूद होना पड़ता हुई और यह हर बार संभव नहीं होता है।

Positional Trading की सीमाएं बताइये?

पोजिशन ट्रेडिंग ट्रेंडिंग (ऊपर और नीचे) बाजारों में सबसे अच्छा काम करती है। एक बाजार में स्थितीय व्यापार करने से कोई लाभ नहीं कमा सकता।
यह पूंजी को बंद कर देता है और व्यापारी को Liquidity Risk के लिए Expose करता है।

Positional Trading के लिए समय सीमा बताइये ?

Short -Term Positional Trading
मानाकि आप 1 Month के अंदर आप व्यापार में प्रवेश होना और बहार जाना चाहते है तो आप अपने व्यापार को निष्पादित करके उससे बाहर निकलना चाहते हैं।
आप चाहे तो एक साप्ताहिक चार्ट पर पूरा ट्रेड देख कर एक लम्बे समय के लिए Support और Resistance लगाकर Trade शुरू कर सकते हैं।इसके बाद ओरअधिक जानकारी के लिए आप अपने रोज के Chart को Guide करें और पिछले एक या दो सप्ताह के Chart से कुछ मुख्य बिंदुओं को निर्धारित करें ओर फिर एक साल के Chart को देख के अपने प्रवेश को स्थिति में ले।
Long -Term Positional Trading
6 Month के समय के दौरान किसी और के Long Term को Check कर।
आप स्टॉक के Monthly Chart को दीर्घकालीन राय को ध्यान में रखते हुए व्यापार शुरू कर सकते है,साथ ही आप 10 साल या उससे अधिक Time के लिए Price Trend को Check कर सकते है।
आप यह देखते हुए की दीर्घकालीन तेजी में है तो आप Weekly Chart पर जाते है। यह वो जगह है जहा आप Pullback Pattern देखते हैं।
आप कुछ मुख्य Support और Resistance क्षेत्र को Mark करे। उसके बाद आप Chart प्रवेश के लिए रोज के Chart को देखते है।

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